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 उत्तर प्रदेश सरकार

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान
संस्कृति विभाग, उ0प्र0

तुलसी स्मारक भवन ,अयोध्या, उत्तर प्रदेश (भारत) 224123.

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अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान संस्कृति विभाग, उ0प्र0

Ramlila: Mauritius

Ramayana Kendra Mauritius 31 January 2019 Bharadwaj Manch

Ramlila is not prevalent in Mauritius as it is believed that our ancestors came from India for performing it in the past but due to some reasons it became dormant. Ramayana Centre is trying to revive the tradition. However, Ramayana gaan is very popular here, there are hundreds of Ramayan mandalis all over the island.

Our forefathers followed the instructions of Goswami Tulsidas that:
Ram hi sumiria hasina Ram hi, santat suniya ram gun gramahi
Which means Ram alone should be remembered; Ram alone should be glorified and it is the catalog of Ram’s virtues alone that should be given ear to..(Ramcharit manas -Uttar Kand -129-6)
During Shivratri, pilgrims carry Canvers to Ganga talab in form of jhankees (tableaus) on wheels. But no jhankee on wheels related to Ramayan is taken out in Mauritius.

हमारे कलाकार रामचरितमानस के 2 अंशों का गायन करेंगे-
1-बालकांड का वह प्रसंग जिसमें माघ महीने में त्रिवेणी में स्नान करने याज्ञवल्क्य ऋषि प्रयाग जाते हैं और भरद्वाज ऋषि उनसे सविनय आग्रह करते हैं कि वे श्री राम के वास्तविक स्वरूप का निरूपण करके उनके संशय का निवारण करें। वे जानना चाहते हैं कि श्री राम अवध नरेश दशरथ जी के पुत्र हैं या कोई अन्य हैं जिन्हें शिवजी निरंतर जपते रहते हैं। प्रयागराज के कुंभ मेले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान रामायण गायन के लिए इस प्रसंग को चुनना हमें अत्यंत समीचीन लगा क्योंकि तुलसीदास जी ने जिस घटना का उल्लेख करके रामचरितमानस की रचना की,उसे उसी प्रयागराज के कुंभ मेले में गाना रामायण सेंटर के लिए एक बहुत बड़े सौभाग्य की बात है।
2-दूसरा प्रसंग सीता राम विवाह का है। लोकजीवन के चितेरे गोस्वामी तुलसीदास जी ने इस विवाह प्रसंग का बड़े मनोयोग से वर्णन किया है जिसमें विवाह संबंधी हर छोटे-बड़े विधि विधान का अत्यंत विस्तृत निरूपण किया है। भारत से धरोहर रूप में लाए गए विवाह संबंधी लोकगीतों का प्रयोग चौपाइयों के साथ करके हमारे गायक विवाह प्रसंग गायन को मूर्त करने का प्रयास करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की

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कैंप कार्यालय

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अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की
कैंप कार्यालय

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