Skip to content Skip to footer
(Type a title for your page here)

 उत्तर प्रदेश सरकार

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान
संस्कृति विभाग, उ0प्र0

तुलसी स्मारक भवन ,अयोध्या, उत्तर प्रदेश (भारत) 224123.
सम्पर्कः : +91-9532744231

Seal_of_Uttar_Pradesh.svg

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान संस्कृति विभाग, उ0प्र0

अयोध्या शोध संस्थान

हमारे बारे में

परिचय

मानस की रचना प्ररम्भ करने के उपरान्त गोस्वामी तुलसीदास जी काशी गये और वही पर निवास करने लगें परिणामतः यह स्थान रिक्त था। सम्वत्‌ 1680 श्रावण शुक्ल सप्तमी को गंगा के किनारे अस्सी नामक स्थान पर उनका देहावसान हुआ। वर्तमान समय में अयोध्या के प्रमुख संतो की विशेष मांग पर अयोध्या के इस स्थान जहॉ मानस की रचना प्रारम्भ हुयी थी, पर गोस्वामी तुलसीदास जी की समृति में तुलसी स्मारक जीवन के निर्माण की मांग शासन से की गयी। तत्कालीन महामहिम राज्यपाल श्री विश्वनाथदास ने अयोध्या के संतो की मांग का सम्मान करते हुए राजाज्ञा संख्या-4750/4-5(48)/63, दिनांक 07 दिसम्बर, 1965 द्वारा 522300.00 अवमुक्त करते हुए तुलसी स्मारक भवन के निर्माण के निर्देश जारी किये गये और दन्तधावन कुण्ड के तत्कालीन महन्त श्री भगवानदास आचारी ने शासन को भूमि हस्तगत कर दी। वर्ष 1969 में लोक निर्माण विभाग, फैजाबाद के प्रान्तीय खण्ड ने भवन निर्माण कराया। इस भवन में 46ग14 वर्गफिट के दो हाल तथा 22 कक्ष निर्मित किये इस निर्मित भवन तुलसी स्मारक भवन के संचालन हेतु प्रबंधकारिणी समिति का गठन कर दिया 18 अगस्त 1986 को प्रबंधकारिणी समिति को भंग कर इस भवन में अयोध्या शोध संस्थान की स्थापना हुई और उसी परिसम्पत्ति (चल और अचल) अयोध्या शोध संस्थान के नियंत्रण में प्रदान कर दी। उस समय से इस भवन में शोध संबंधी गतिविधियों प्रदान हुई और अति सुसज्जित प्रेक्षागृह भी बन गया जिसमें लगभग 400 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था हुई इस भवन में गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति को संजोये रखने हेतु उनकी रामायण लेखन मुद्रा में संगो-पांग प्रतिमा स्थापित कर दी गयी।

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की

Subtitle
कैंप कार्यालय

Some description text for this item

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की
कैंप कार्यालय

कॉपीराइट ©2024 अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान उ.प्र.| सॉफ्टजेन टेक्नोलॉजीज द्वारा डिजाइन व डेवलप