स्वतंत्रता के पश्चात लगभग 56 वर्ष की अल्पावधि में यद्यपि नगर का बाहय प्रसार नहीं हुआ हैं, तथापि बहुत से ध्वस्थ मंदिरों का जीर्णोद्धार, शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना, पार्कों एवं उद्यानों- का निमार्ण एवं सौंदर्यीकरण, कतिपय स्थानीय प्रशासनिक कार्यालयों की स्थापना, सार्वजनिक एवं अर्द्ध सार्वजनिक सुविधाओं से सम्बन्धित इसके सांस्कृतिक भूदॄश्य में परिवर्तन हुए है, अपितु नगरीय संरचना में लगभग सभी कार्यालय क्षेत्रों (धार्मिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, व्यापारिक क्षेत्र, शैक्षणिक केन्द्र तथा अन्य सेवाए एवं क्षेत्र) का स्वरुप दृष्टिगत हुआ है । अभी हाल के वषों में नगर में कुछ मंहत्वपूर्ण उद्यानों एवं मंदिरों के पुनर्निमाण – मानस भवन, तुलसी स्मारक भवन, स्मारक सदन, तुलसी उद्यान, जानकी उद्यान, राजघाट उद्यान, कोरिया की रानी हों का स्मारक नये घाट पर प्रे प्रेक्षगृह सरयू नदी पर रेल का पुल आदि प्रमुख रुप से उल्लेखनीय है ।