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 उत्तर प्रदेश सरकार

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान
संस्कृति विभाग, उ0प्र0

तुलसी स्मारक भवन ,अयोध्या, उत्तर प्रदेश (भारत) 224123.

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अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान संस्कृति विभाग, उ0प्र0

अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव, जनकपुर नेपाल

अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव, जनकपुर नेपाल

जानकी मंदिर, जनकपुर नेपाल अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव में संत समागम में अपार जन समुदाय ने सुनी संतों की वाणी

जानकी मंदिर, जनकपुर नेपाल अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव में जानकी विवाह लीला में अभूतपूर्व जन समुदाय

जानकी मंदिर जनकपुर धाम नेपाल अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव के दूसरे दिन म. प्रदेश नेपाल के माननीय मुख्यमंत्री श्री सतीश शाह, माननीय संस्कृति मंत्री सुश्री रानी कुमारी तिवारी ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया।

पद्मश्री मालिनी अवस्थी की जनकपुर धाम नेपाल में अद्भुत प्रस्तुति
जानकी मंदिर जनकपुर धाम नेपाल अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव के दूसरे दिन मधेश प्रदेश नेपाल के माननीय मुख्यमंत्री श्री सतीश शाह, माननीय संस्कृति मंत्री सुश्री रानी कुमारी तिवारी ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। धोबिया नृत्य, बमरसिया नृत्य, झिझिया नृत्य, झरी झरी नृत्य और रामार्चन कवि सम्मेलन के साथ पद्मश्री मालिनी अवस्थी की जनकपुर धाम नेपाल में अद्भुत प्रस्तुति दी।
अपार जनसमूह अंतर्राष्ट्रीय रामायण कॉन्क्लेव का साक्षी बना।

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की

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कैंप कार्यालय

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अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान

अन्तर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग, उ०प्र० शासन द्वारा एतिहासिक तुलसी भवन, अयोध्या में 18 अगस्त, 1986 को की गयी। यह संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था है। वस्तुतः अयोध्या की पावन भूमि पर सरयु के तट स्थित रामघाट के निकट गोस्वामी तुलसीदास जी ने सम्वत्‌ 1631 की नवमी तिथि भौमवार को श्रीरामचरित मानस की रचना प्रारम्भ की
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